मेहनत का असली मतलब विश्वास हैं

 

राजू की मेहनत और उसका खुद पर अटूट विश्वास !


एक छोटे से गाँव में एक लड़का था जिसका नाम राजू था। राजू की परिवार में गरीबी थी, लेकिन उसमें एक बहुत बड़ी बात थी - वह विश्वास करने के लायक था। राजू को हमेशा अपने सपनों को पूरा करने का आस्था और साहस था।


एक दिन, गाँव के लोगों ने सुना कि एक बड़ा मेला शहर में आया है। राजू ने भी उस मेले के बारे में सुना और वहाँ जाने का सोचा। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। वह अपनी मां से मिला और अपनी इच्छा बताई। मां ने कहा, "बेटा, हमारे पास पैसे नहीं हैं।"


राजू ने हार नहीं मानी। वहन पर विश्वास करता था कि उसकी मेहनत और उसका विश्वास उसे उस मेले तक पहुँचा देंगे। उसने फैसला किया कि वह पैसे कमाने के लिए गाँव में कुछ काम करेगा।


राजू ने गाँव में सभी को बताया कि वह मेले में जाना चाहता है और उसे पैसे की जरूरत है। लोगों ने उसे अपनी सहायता देने का वादा किया। उन्होंने राजू को कुछ काम दिया और उसे थोड़ी-थोड़ी सहायता की।


राजू ने दिन-रात मेहनत की। वह गाँव के प्रत्येक काम को ईमानदारी से किया। उसकी मेहनत और विश्वास ने उसे कुछ पैसे कमाने में मदद की। धीरे-धीरे, राजू ने पैसे इकट्ठा किए और मेले के लिए तैयार हो गया।



मेले के दिन, राजू ने अपने सपनों की ओर सारी ऊर्जा को ले जाते हुए अपना सफ़र शुरू किया। मेले में वहन ने अपने बेहतरीन काम करने के बावजूद कुछ खास नहीं कमाया।


फिर भी, राजू ने अपने विश्वास को नहीं खोया। उसने एक पुराने और सुनसान खुशहाल स्थान पर अपना दृश्य लगाया और लोगों को अपने जादू से मोहित किया। उसने एक खास चमत्कारिक कला दिखाई, जिससे लोगों का ध्यान उसपर आ गया।


धीरे-धीरे, उसके खास कला की ख़बर लोगों तक पहुँच गई। लोग उसके पास आने लगे और उसकी कला का आनंद लेने लगे। लोग उसे पैसे भी देने लगे। राजू के विश्वास और मेहनत ने उसे एक सफल व्यक्ति बना दिया !


शीर्ष:  हमे खुद पर विश्वाश हो तो हम कोई भी लड़ाई आसानी से जीत सकते हैं !

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